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1
हे बांझ तू जो पुत्राहीन है जयजयकार कर; तू जिसे जन्माने की पीड़े नहीं हुई, गला खोलकर जयजयकार कर और पुकार! क्योंकि त्यागी हुई के लड़के सुहागिन के लड़कों से अधिक होंगे, यहोवा का यही वचन है।
2
अपने तम्बू का स्थान चौड़ा कर, और तेरे डेरे के पट लम्बे किए जाएं; हाथ मत रोक, रस्सियों को लम्बी और खूंटों को दृढ़ कर।
3
क्योंकि तू दहिने- बाएं फैलेगी, और तेरा वंश जाति- जाति का अधिकारी होगा और उजड़े हुए नगरों को फिर से बसाएगा।।
4
मत डर, क्योंकि तेरी आशा फिर नहीं टूटेगी? मत घबरा, क्योंकि तू फिर लज्जित न होगी और तुझ पर सियाही न छाएगी? क्योंकि तू अपक्की जवानी की लज्जा भूल जाएगी, और, अपके विधवापन की नामधराई को फिर स्मरण न करेगी।
5
क्योंकि तेरा कर्त्ता तेरा पति है, उसका नाम सेनाओं का यहोवा है; और इस्राएल का पवित्रा तेरा छुड़ानेवाला है, वह सारी पृथ्वी का भी परमेश्वर कहलाएगा।
6
क्योंकि यहोवा ने तुझे ऐसा बुलाया है, मानो तू छोड़ी हुई और मन की दुखिया और जवानी की त्यागी हुई स्त्री हो, तेरे परमेश्वर का यही वचन है।
7
क्षण भर ही के लिये मैं ने तुझे छोड़ दिया था, परन्तु अब बड़ी दया करके मैं फिर तुझे रख लूंगा।
8
क्रोध के झकोरे में आकर मैं ने पल भर के लिये तुझ से मुंह छिपाया था, परन्तु अब अनन्त करूणा से मैं तुझ पर दया करूंगा, तेरे छुड़ानेवाले यहोवा का यही वचन है।
9
यह मेरी दृष्टि में नूह के समय के जलप्रलय के समान है; क्योंकि जैसे मैं ने शपथ खाई थी कि नूह के समय के जलप्रलय से पृथ्वी फिर न डूबेगी, वैसे ही मैं ने यह भी शपथ खाई है कि फिर कभी तुझ पर क्रोध न करूंगा और न तुझ को धमकी दूंगा।
10
चाहे पहाड़ हट जाएं और पहाड़ियां टल जाएं, तौभी मेरी करूणा तुझ पर से कभी न हटेगी, और मेरी शान्तिदायक वाचा न टलेगी, यहोवा, जो तुझ पर दया करता है, उसका यही वचन है।।
11
हे दु:खियारी, तू जो आंधी की सताई है और जिस को शान्ति नहीं मिली, सुन, मैं तेरे पत्थरों की पच्चीकारी करके बैठाऊंगा, और तेरी नेव नीलमणि से डालूंगा।
12
तेरे कलश मैं माणिाकों से, तेरे फाटक लालड़ियों से और तेरे सब सिवानों को मनोहर रत्नों से बनाऊंगा।
13
तू धार्मिकता के द्वारा स्थिर होगी; तू अन्धेर से बचेगी, क्योंकि तुझे डरना न पड़ेगा; और तू भयभीत होने से बचेगी, क्योंकि भय का कारण तेरे पास न आएगा।
14
तू धार्मिकता के द्वारा स्थिर होगी; तू अन्धेर से बचेगी, क्योंकि तुझे डरना न पड़ेगा; और तू भयभीत होने से बचेगी, क्योंकि भय का कारण तेरे पास न आएगा।
15
सुन, लोग भीड़ लगाएंगे, परन्तु मेरी ओर से नहीं; जितने तेरे विरूद्ध भीड़ लगाएंगे वे तेरे कारण गिरेेंगे।
16
सुन, एक लोहर कोएले की आग धोंककर इसके लिये हथियार बनाता है, वह मेरा ही सृजा हुआ है। उजाड़ने के लिये भी मेरी ओर से एक नाश करनेवाला सृजा गया है।
17
जितने हथियार तेरी हानि के लिये बनाए जाएं, उन में से कोई सफल न होगा, और, जितने लोग मु ई होकर तुझ पर नालिश करें उन सभों से तू जीत जाएगा। यहोवा के दासों का यही भाग होगा, और वे मेरे ही कारण धर्मी ठहरेंगे, यहोवा की यही वाणी है।।
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