होम
हमसे संपर्क करें
हिन्दी
KJV
தமிழ்
తెలుగు
ಕನ್ನಡ
उत्पत्ति
उत्पत्ति
निर्गमन
लैव्यव्यवस्था
गिनती
व्यवस्थाविवरण
यहोशू
न्यायियों
रूत
1 शमूएल
2 शमूएल
1 राजा
2 राजा
1 इतिहास
2 इतिहास
एज्रा
नहेमायाह
एस्तेर
अय्यूब
भजन संहिता
नीति वचन
सभोपदेशक
श्रेष्ठगीत
यशायाह
यिर्मयाह
विलापगीत
यहेजकेल
दानिय्येल
होशे
योएल
आमोस
ओबद्दाह
योना
मीका
नहूम
हबक्कूक
सपन्याह
हाग्गै
जकर्याह
मलाकी
मत्ती
मरकुस
लूका
यूहन्ना
प्रेरितों के काम
रोमियो
1 कुरिन्थियों
2 कुरिन्थियों
गलातियों
इफिसियों
फिलिप्पियों
कुलुस्सियों
1 थिस्सलुनीकियों
2 थिस्सलुनीकियों
1 तीमुथियुस
2 तीमुथियुस
तीतुस
फिलेमोन
इब्रानियों
याकूब
1 पतरस
2 पतरस
1 यूहन्ना
2 यूहन्ना
3 यूहन्ना
यहूदा
प्रकाशित वाक्य
48
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
11
12
13
14
15
16
17
18
19
20
21
22
23
24
25
26
27
28
29
30
31
32
33
34
35
36
37
38
39
40
41
42
43
44
45
46
47
48
49
50
1
इन बातों के पश्चात् किसी ने यूसुफ से कहा, सुन, तेरा पिता बीमार है; तब वह मनश्शे और एप्रैम नाम अपने दोनों पुत्रों को संग लेकर उसके पास चला।
2
और किसी ने याकूब को बता दिया, कि तेरा पुत्रा यूसुफ तेरे पास आ रहा है; तब इस्राएल अपने को सम्भालकर खाट पर बैठ गया।
3
और याकूब ने यूसुफ से कहा, सर्वशक्तिमान ईश्वर ने कनान देश के लूज नगर के पास मुझे दर्शन देकर आशीष दी,
4
और कहा, सुन, मैं तुझे फुला- फलाकर बढ़ाऊंगा, और तुझे राज्य राज्य की मण्डली का मूल बनाऊंगा, और तेरे पश्चात् तेरे वंश को यह देश दे दूंगा, जिस से कि वह सदा तक उनकी निज भूमि बनी रहे।
5
और अब तेरे दोनों पुत्रा, जो मि में मेरे आने से पहिले उत्पन्न हुए हैं, वे मेरे ही ठहरेंगे; अर्थात् जिस रीति से रूबेन और शिमोन मेरे हैं, उसी रीति से एप्रैम और मनश्शे भी मेरे ठहरेंगे।
6
और उनके पश्चात् जो सन्तान उत्पन्न हो, वह तेरे तो ठहरेंगे; परन्तु बंटवारे के समय वे अपने भाइयों ही के वंश में गिने जाएंगे।
7
जब मैं पस्रान से आता था, तब एप्राता पहुंचने से थोड़ी ही दूर पहिले राहेल कनान देश में, मार्ग में, मेरे साम्हने मर गई : और मैं ने उसे वहीं, अर्थात् एप्राता जो बेतलेहम भी कहलाता है, उसी के मार्ग में मिट्टी दी।
8
तब इस्राएल को यूसुफ के पुत्रा देख पड़े, और उस ने पूछा, ये कौन हैं ?
9
यूसुफ ने अपने पिता से कहा, ये मेरे पुत्रा हैं, जो परमेश्वर ने मुझे यहां दिए हैं : उस ने कहा, उनको मेरे पास ले आ कि मैं उन्हें आशीर्वाद दूं।
10
इस्राएल की आंखे बुढ़ापे के कारण धुन्धली हो गई थीं, यहां तक कि उसे कम सूझता था। तब यूसुफ उन्हें उनके पास ले गया ; और उस ने उन्हें चूमकर गले लगा लिया।
11
तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, मुझे आशा न थी, कि मैं तेरा मुख फिर देखने पाऊंगा : परन्तु देख, परमेश्वर ने मुझे तेरा वंश भी दिखाया है।
12
तब यूसुफ ने उन्हें अपने घुटनों के बीच से हटाकर और अपने मुंह के बल भूमि पर गिरके दण्डवत् की।
13
तब यूसुफ ने उन दोनों को लेकर, अर्थात् एप्रैम को अपने दहिने हाथ से, कि वह इस्राएल के बाएं हाथ पड़े, और मनश्शे को अपने बाएं हाथ से, कि इस्राएल के दहिने हाथ पड़े, उन्हें उसके पास ले गया।
14
तब इस्राएल ने अपना दहिना हाथ बढ़ाकर एप्रैम के सिर पर जो छोटा था, और अपना बायां हाथ बढ़ाकर मनश्शे के सिर पर रख दिया; उस ने तो जान बूझकर ऐसा किया; नहीं तो जेठा मनश्शे ही था।
15
फिर उस ने यूसुफ को आशीर्वाद देकर कहा, परमेश्वर जिसके सम्मुख मेरे बापदादे इब्राहीम और इसहाक (अपने को जानकर ) चलते थे वही परमेश्वर मेरे जन्म से लेकर आज के दिन तक मेरा चरवाहा बना है ;
16
और वही दूत मुझे सारी बुराई से छुड़ाता आया है, वही अब इन लड़कों को आशीष दे; और ये मेरे और मेरे बापदादे इब्राहीम और इसहाक के कहलाएं; और पृथ्वी में बहुतायत से बढ़ें।
17
जब यूसुफ ने देखा, कि मेरे पिता ने अपना दहिना हाथ एप्रैम के सिर पर रखा है, तब यह बात उसको बुरी लगी : सो उस ने अपने पिता का हाथ इस मनसा से पकड़ लिया, कि एप्रैम के सिर पर से उठाकर मनश्शे के सिर पर रख दे।
18
और यूसुफ ने अपने पिता से कहा, हे पिता, ऐसा नहीं: क्योंकि जेठा यही है; अपना दहिना हाथ इसके सिर पर रख।
19
उसके पिता ने कहा, नहीं, सुन, हे मेरे पुत्रा, मैं इस बात को भली भांति जानता हूं : यद्यपि इस से भी मनुष्यों की एक मण्डली उत्पन्न होगी, और यह भी महान् हो जाएगा, तौभी इसका छोटा भाई इस से अधिक महान हो जाएगा, और उसके वंश से बहुत सी जातियां निकलेंगी।
20
फिर उस ने उसी दिन यह कहकर उनको आशीर्वाद दिया, कि इस्राएली लोग तेरा नाम ले लेकर ऐसा आशीर्वाद दिया करेंगे, कि परमेश्वर तुझे एप्रैम और मनश्शे के समान बना दे : और उस ने मनश्शे से पहिले एप्रैम का नाम लिया।
21
तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, देख, मैं तो मरने पर हूं : परन्तु परमेश्वर तुम लोगों के संग रहेगा, और तुम को तुम्हारे पितरों के देश में फिर पहुंचा देगा।
22
और मैं तुझ को तेरे भाइयों से अधिक भूमि का एक भाग देता हूं, जिसको मैं ने एमोरियों के हाथ से अपनी तलवार और धनुष के बल से ले लिया है।
‹
›