मैं ने तो अकेले ही हौद में दाखें रौंदी हैं, और देश के लोगों में से किसी ने मेरा साथ नहीं दिया; हां, मैं ने अपने क्रोध में आकर उन्हें रौंदा और जलकर उन्हें लताड़ा; उनके लोहू के छींटे मेरे वस्त्रों पर पड़े हैं, इस से मेरा सारा पहिरावा धब्बेदार हो गया है।