अपने पुरखाओं के दिनों से लेकर आज के दिन तक हम बड़े दोषी हैं, और अपने अधर्म के कामों के कारण हम अपने राजाओं और याजकों समेत देश देश के राजाओं के हाथ में किए गए कि तलवार, बन्धुआई, लूटे जाने, और मुंह काला हो जाने की विपत्तियों में पड़ें जैसे कि आज हमारी दशा है।